क्या वर्तमान सरकार इंडिया का नाम बदलकर भारत करना चाहती है | क्या भारत नाम बदल देना इतना आसान होगा

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क्या वर्तमान सरकार इंडिया का नाम बदलकर भारत करना चाहती है, भारत नाम कहाँ से आया, इंडिया नाम कहाँ से आया, क्या सरकार इंडिया का नाम भारत कर सकती है, क्या भारत नाम बदल देना इतना आसान होगा, संविधान के अनुसार हमारे देश का नाम क्या है, भारत का असली नाम क्या है, विश्व में भारत को कितने नामों से जाना जाता है

क्या वर्तमान सरकार इंडिया का नाम बदलकर भारत करना चाहती है

भारत बनाम इंडिया की बहस जो शुरू हुई है जिसे वन नेशन वन नाम नाम दिया गया है आज इसको लेकर बहुत सारी बातें मैं आपको स्पष्ट करने वाला हूं तो लास्ट तक पढ़िएगा इस पोस्ट को और समझते रहना। 9 सितंबर के दिन वर्ल्ड लीडर्स के लिए डिनर का आयोजन किया गया, भारत की राष्ट्रपति ने एक आधिकारिक पत्र इनविटेशन कई देश के राष्ट्रअध्यक्ष को भेजा जिसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह लिखा हुआ है प्रेसिडेंट ऑफ भारत। इसको लेकर एक बहस छिड़ गई की क्या वर्तमान सरकार अभी आने वाले सत्र में जो स्पेशल सेशन बुलाया गया है पार्लियामेंट में इंडिया का नाम बदलकर इंडिया से भारत ही तो नहीं करने वाली है।

भारत नाम कहां से आया

प्राचीन काल से भारत के अलग-अलग नाम रहे हैं, जैसे -: जम्मू दीप, भारत खंड, भारत वर्ष, भारत, हिंद, हिंदुस्तान, इंडिया, इसमें सबसे ज्यादा प्रचलित नाम भारत रहा है। पौराणिक काल में भारत नाम के कई रेफरेंस मिलते हैं जैसे राजा दशरथ के बेटे और श्री राम जी के छोटे भाई का नाम भारत था नाट्य शास्त्र के रचयिता भरत मुनि जाने जाते हैं पूर्व वंश के राजा दुष्यंत और शकुंतला के बेटे को भरत कहा जाता है, जिनका जिक्र हमें महाभारत में भी मिलता है और साथ ही महाभारत में भारत को 16 सर्वश्रेष्ठ राजाओं में जीना भी गया है लेकिन पौराणिक मान्यताओं को आधार मानने पर भारत नाम के पीछे दुष्यंत के बेटे भारत का ही जिक्र बार-बार आता है।

शास्त्र और वेदों के अनुसार इंडिया का नाम क्या था

ऋग्वेद की एक शाखा एतरी ब्राह्मण में दुष्यंत के बेटे भारत के नाम पर ही भारत नामकरण का तर्क दिया जाता है, इसमें भारत को एक चक्रवर्ती राजा यानि चारों दिशाओं को जीतने वाला राजा कहा गया है। एतरी ब्राह्मण में इसका भी जिक्र मिलता है कि भारत ने चारों दिशाओं को जीतने के बाद एक अश्वमेध यज्ञ करवाया था, जिसके चलते उनके राज्य को भारतवर्ष कहा गया। मत्स्य पुराण में मनु को भारत के नाम से बुलाया गया है मनु को प्रजा को जन्म देने और उसका भरण पोषण रखने के कारण भारत कहा गया है, जिस क्षेत्र पर मनु का राज था उसे पूरे भू-भाग को भारतवर्ष कहा गया।

जैन धर्म के धार्मिक ग्रंथो में भी भारत नाम मिलता है, कहा जाता है कि भगवान ऋषभदेव के बड़े बेटे महायोगी भारत के नाम पर भारत का नाम भारतवर्ष पड़ा था। विष्णु पुराण में एक श्लोक मिलता है जो कहता है-

उत्तरं यत् समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम् |
वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः ||

यानी कि हिमालय पर्वत से लेकर हिंद महासागर तक के बीच का योग क्षेत्र है जो भूभाग है उसे भारत कहा जाता है और यहां रहने वाली जनता भारतीय यानी भारतीय कहे जाते हैं, तो मैं अभी तक आपको बहुत सारे ऐतिहासिक तर्क दिए भारत नाम को लेकर के लिए समझते हैं कि इतिहासकारों का इस बारे में क्या मत है तो कई इतिहासकारों का मानना है कि महाभारत का युद्ध ईशा से करीब ढाई हजार साल पहले हुआ।

महाभारत युद्ध का नाम महाभारत क्यों पड़ा

महाभारत युद्ध का नाम महाभारत क्यों पड़ा, दरअसल कौरव पांडवों के घर की लड़ाई में जब बड़ा रूप लिया तो दो परिवारों की लड़ाई में उन सभी राज्यों ने हिस्सा ले लिया था जो भारतवर्ष की भौगोलिक सीमा में आते थे। आपको यह भी बता दूं कि वर्ष का मतलब संस्कृत में हिस्सा इलाका या क्षेत्र होता है, आपको यह भी बता दो कि ऋग्वेद में 10 राज्य के बारे में पता चलता है इसको पढ़ने पर जानकारी मिलती है कि भारत नाम के जन समूह के राजा सुदास के नाम से भरत या भारत नाम आया। इन भारतजन से भी भारतवर्ष का नाम आया हो सकता है।

ऐसा इतिहास कारों का मानना है, भारत जैन गोत्र और यज्ञ करने वाले जनसमूह थे यह सरस्वती नदी यानी आज के घग्गर के कछार में बसने वाला एक समूह था। वैदिक भारत में भारत या भारत का मतलब अग्नि लोकपाल या विश्व रक्षक या एक राजा का नाम होता है। भारतवर्ष शब्द का एक भौगोलिक इकाई के रूप में सबसे पुराना इस्तेमाल हाथी गुफा के शिलालेख में मिलता है। इन सभी तथ्यों के आधार पर टर्कीके लगता है कि भारत का नाम किसी व्यक्ति के नाम पर न होकर शायद जाति समूह या भौगोलिक विशेषताओं के आधार पर प्रचलित हुआ होगा। दोस्तों मैं आपको बहुत संक्षेप में यह समझाया कि भारत नाम कहां से पड़ा है।

भारत का नाम इंडिया नाम क्यों दिया गया

इंडिया शब्द के बारे में दो बातें प्रचलित है कुछ लोग यह कहते हैं कि इंडस रिवर यानी सिंधु नदी के नाम पर इंडिया का इंडिया नाम पड़ा लेकिन नहीं कुछ लोगों का ऐसा कहना है आपने सुना होगा व्हाट्सएप पर की इंडियन का मतलब जंगली होता है, और जो यूरोपियंस हम थे वह हमको जंगली अशर्य समझते थे इसीलिए इंडिया नाम पड़ा, देश का और साथ ही इंडियन नाम दे दिया गया कई बार मुझे लगता था कि यह व्हाट्सएप पर फैलाया गया एक रयूमर है लेकिन अगर आप यूट्यूब पर टाइप करें फाइव लिटिल इंडियन एक नर्सरी राइम है जहां पर आपको पांच जंगली बच्चे वह नाचते हुए दिखाई पड़ेंगे, जिससे इस बात की सत्यता भी मिलती है कि शायद इंडियन का मतलब उन्होंने असभ्य समझा या असभ्य लोगों को इंडियनकहा गया या सभ्य लोगों को इंडियन कहा गया और यही रीजन है कि देश को इंडिया या इंडियन नाम दिया गया।

यह सिंधु नदी के ग्रीक भाषा में इंडस नाम से मिलता है ऐसा हम पढ़ते हैं सिंधु शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है यूनान के इतिहासकार हेलो टॉस ने 440 ईसा पूर्व इंडिया शब्द का इस्तेमाल किया था। उन्होंने तुर्की और ईरान से इंडिया की तुलना करते हुए कहा था कि इंडिया स्वर्ग जैसा है, जहां की मिट्टी उपजाऊ है और जिस क्षेत्र में काफी ज्यादा आबादी रहती है।

हिंदुस्तान शब्द कहाँ से आया

वर्ल्ड हिस्ट्री वेबसाइट आप देखे तो इसके मुताबिक 300 ईसा पूर्व पहले यूनान के राजदूत मेगास्थनीज ने सिंधु घाटी के पार वाले इलाके के लिए इंडिया शब्द का इस्तेमाल किया था। हिंद और हिंदुस्तान शब्द का इस्तेमाल लगभग 2500 साल पहले माना जाता है बाहर से आने वाले लोग ऐसा कहा जाता है कि वे स को ह बोलते थे इसीलिए सिंह, हिंद बन गया और आगे चलकर इस सभ्यता से जुड़े लोगों को हिंदू कहकर पुकारा जाने लगा और पूरे क्षेत्र को हिंदुस्तान कहा जाने लगा।

ईरान के सम्राट शाहपुर प्रथम ने नक्श रुस्तम शिलालेख में हिंदुस्तान शब्द का उल्लेख किया है यह भी माना जाता है कि हिंदू कुश की पहाड़ियों के पीछे का क्षेत्र हिंदुस्तान कहा जाता रहा होगा, अरबी लोगों ने इस देश को अल हिंद कहकर पुकारा और तुर्की तथा दिल्ली के सुल्तानों और बादशाहों ने अपने भारतीय प्रभुत्व वाले भू-भाग का नाम हिंदुस्तान रखा और उसके रूप में ही उसका उपयोग किया।

हिस्टोरियन जेबरों ने अपने आर्टिकल फ्रॉम हिंदुस्तान तो इंडिया नेम चेंजिंग इन चेंजिंग नाम में लिखा है कि 18वीं शताब्दी के मध्यकाल में इसके अंत तक दुनिया के दूसरे हिस्से में हिंदुस्तान शब्द का इस्तेमाल अक्सर मुगल सम्राट के शासन वाले क्षेत्र के लिए किया जाता था 19th सेंचुरी में अंग्रेजों ने इंडिया शब्द का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर करना शुरू किया था इसके बाद अंग्रेजों के असर की वजह से ही रियासतों के राजा भी अपने राज्यों में भारत नाम बोलने के लिए इंडिया शब्द का इस्तेमाल करने लगे थे 1857 ई तक भारत के बड़े क्षेत्र पर अंग्रेजों यानी ब्रिटिश इंडिया कंपनी का कब्जा था 1857 के बाद ब्रिटिश हुकूमत ने उन इलाकों पर अधिकार कर लिया था जो ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकार क्षेत्र में थे इसी समय इंडिया नाम इस्तेमाल किया जाने लगा और देश और दुनिया में तेजी से यह नाम फैलने लगा।

तो दोस्तों यह तो था भारत और इंडिया शब्द की ओरिजिन कहां से हुए उनके बारे में चर्चा मैं आपको अगले पोस्ट में जरूर यह बताना चाहूंगा कि संविधान सभा में क्या बहस हुई थी। इंडिया और भारत इन दोनों नाम के बारे में और साथ ही हम यह भी जानेंगे कि क्या इससे पहले कभी देश का नाम परिवर्तन करने के बारे में कोई विचार उठे हैं साथ ही में अगले लेक्चर में यह भी आपको बताना चाहूंगा कि नाम बदलना इतना आसान होगा क्या जुड़े रहना इस सीरीज से, अभी मैं दो-तीन दिन इसी विषय पर चर्चा करने वाला हूं, नमस्कार थैंक यू जय हिंद 

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प्रश्न 1 -: सरकार ने इस नाम परिवर्तन का प्रस्ताव क्यों रखा है?

उत्तर -: सरकार ने नाम परिवर्तन का प्रस्ताव रखा है क्योंकि यह राष्ट्र की आत्मगौरव और समृद्धि में सहायक हो सकता है और उसे एक नए दिशा में प्रेरित कर सकता है।

प्रश्न 2 -: भारत का नाम बदलने से कौन-कौन से लाभ हो सकते हैं?

उत्तर -: भारत के नाम का परिवर्तन कई तरह से लाभकारी हो सकता है, जैसे कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान में सुधार और एकता की भावना को मजबूत करना।

प्रश्न 3 -: क्या यह प्रस्ताव सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन का हिस्सा है?

उत्तर -: हाँ, इस प्रस्ताव का हेतु सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन का समर्थन किया जा रहा है ताकि राष्ट्र की पहचान में वृद्धि हो सके और उसकी अनगिनत धरोहरों को उजागर किया जा सके।

प्रश्न 4 -: इस नाम परिवर्तन का अधिकृत रूप से कितना समर्थन है?

उत्तर -: इस नाम परिवर्तन का अधिकृत रूप से समर्थन होना अभी तक जनमत से साबित नहीं हुआ है, लेकिन कुछ सामाजिक गठबंधन और राजनीतिक दल इसे समर्थन कर रहे हैं।

प्रश्न 5 -: क्या इस प्रस्ताव का कोई समर्थन विरोध है, और उनकी क्या आपत्तिएँ हैं?

उत्तर -: हाँ, कुछ विरोध पक्ष इस प्रस्ताव के खिलाफ हैं, और उनकी मुख्य आपत्तियाँ राष्ट्र की परंपराओं और इतिहास के साथ जुड़ी हैं, जो इसे एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक मानते हैं।

प्रश्न 6 -: नाम परिवर्तन का इतिहास में और कौन-कौन से उदाहरण हैं?

उत्तर -: नाम परिवर्तन का इतिहास में कई उदाहरण हैं, जैसे कि श्रीलंका जिसने 1972 में सीलंका से अपना नाम बदलकर श्रीलंका किया।

प्रश्न 7 -: इस प्रस्ताव का संविधान में कोई प्रभाव होगा क्या?

उत्तर -: इस प्रस्ताव का संविधान में सीधा प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि नाम बदलने का फैसला राजनीतिक प्रक्रिया में होगा।

प्रश्न 8 -: क्या इस नाम परिवर्तन का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई प्रभाव हो सकता है?

उत्तर -: हाँ, इस नाम परिवर्तन का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामरिक, सांस्कृतिक और आर्थिक प्रभाव हो सकता है, क्योंकि यह राष्ट्र की पहचान में बदलाव ला सकता है।

प्रश्न 9 -: लोगों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ क्या आपत्तिएँ जाहिर की हैं?

उत्तर -: लोगों ने इस प्रस्ताव के खिलाफ विभिन्न कारणों से आपत्ति जाहिर की है, जैसे कि सांस्कृतिक समृद्धि के साथ जुड़े ऐतिहासिक और धार्मिक पहलुओं का समर्थन।

प्रश्न 10 -: क्या इस प्रस्ताव के समर्थन और आपत्ति के बारे में जनमत सर्वे हुआ है, और उसके परिणाम क्या हैं?

उत्तर -: अभी तक इस प्रस्ताव के समर्थन और आपत्ति के बारे में विस्तृत जनमत सर्वे नहीं हुआ है, लेकिन सार्वजनिक विचार-मंथन के दौरान लोगों की राय जानने का प्रयास हो रहा है।

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