प्रोफ़ेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस जी की जयंती के उपलक्ष्य मे दिनांक 29 जून 2025 को 19वां सांख्यिकी दिवस का आयोजन
हर साल 29 जून को भारत में सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है, जो सांख्यिकी के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान देने वाले महान वैज्ञानिक प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक अवसर है। इस वर्ष, 19वां सांख्यिकी दिवस पूरे देश में हर्षोल्लास से मनाया गया, जिसका आयोजन भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय एवं आंचलिक कार्यालय, लखनऊ द्वारा किया गया। यह आयोजन लखनऊ विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग के सहयोग से मालवीय हॉल, लखनऊ विश्वविद्यालय में संपन्न हुआ।

इस वर्ष की थीम: 75वां राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण वर्ष
सांख्यिकी दिवस 2025 की थीम “75th Year of National Sample Survey” रखी गई है, जो इस बात को रेखांकित करता है कि कैसे सैंपल सर्वेक्षण ने पिछले सात दशकों से अधिक समय में भारत की नीतियों, योजनाओं और सामाजिक-आर्थिक विश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण (NSS) देश के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को आंकड़ों के माध्यम से समझने का एक शक्तिशाली उपकरण रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत और अतिथियों का स्वागत
19वां सांख्यिकी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत लखनऊ विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभागाध्यक्ष प्रो. मसूद एच. सिद्दीकी द्वारा सभी आगंतुकों और प्रतिभागियों के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद श्री मनोज कुमार, उप महानिदेशक, आंचलिक कार्यालय, लखनऊ और श्रीमती सेल्वा कुमारी जे., महानिदेशक, अर्थ एवं संख्या प्रभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ ने उद्घाटन संबोधन के माध्यम से सांख्यिकी के महत्व पर प्रकाश डाला।

विशेषज्ञों द्वारा सारगर्भित व्याख्यान
कार्यक्रम में प्रमुख विशेषज्ञों और अनुभवी सांख्यिकीविदों द्वारा कई सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किए गए:
- श्री ए. के. मिश्रा और श्री एस. बी. सिंह, पूर्व महानिदेशक, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने सांख्यिकी की भूमिका को देश के नीति निर्धारण और योजना निर्माण में कैसे उपयोगी बनाया गया, इस पर विस्तार से बताया।
- प्रोफेसर शीला मिश्रा, डीन, फैकल्टी ऑफ साइंस, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सांख्यिकी विषय के इतिहास, विकास और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
- कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. मानुका खन्ना, प्रो-वाइस चांसलर, लखनऊ विश्वविद्यालय ने सांख्यिकी के गूढ़ और तकनीकी पहलुओं पर प्रभावशाली व्याख्यान दिया। उन्होंने छात्रों को सांख्यिकी के क्षेत्र में कैरियर की संभावनाओं के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रतियोगिताएं और परिचर्चा
19वां सांख्यिकी दिवस के अवसर को और अधिक रोचक और ज्ञानवर्धक बनाने के लिए पोस्टर प्रतियोगिता और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। छात्रों, शोधार्थियों और आंकड़ों में रुचि रखने वाले प्रतिभागियों ने इन गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इसके अतिरिक्त, भारतीय सांख्यिकी सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सांख्यिकी के क्षेत्र में रोजगार के अवसर, नवीनतम रुझान, और तकनीकी विकास पर आधारित पैनल चर्चा आयोजित की गई। यह चर्चा प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक रही।

प्रतिभागिता और आयोजन समिति
19वां सांख्यिकी दिवस के इस भव्य कार्यक्रम में भारत सरकार, राज्य सरकार, लखनऊ विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थानों से लगभग 250 प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस आयोजन को सफल बनाने में निम्नलिखित प्रमुख व्यक्तियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही:
- डॉ. शांभवी मिश्रा, सहायक प्रोफेसर – कार्यक्रम संयोजक
- श्रीमती डिम्पल यादव, सहायक निदेशक – सह संयोजक
- सुश्री अंशिका बाजपेई, सहायक निदेशक – आयोजन समिति सदस्य
- श्री अस्तित्व रंजन श्रीवास्तव, सहायक निदेशक – आयोजन समिति सदस्य
आभार प्रदर्शन
कार्यक्रम के अंत में डा. सुचिता गुप्ता, उप महानिदेशक, क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ ने सभी विशिष्ट अतिथियों, वक्ताओं, छात्रों, संकाय सदस्यों और प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि सांख्यिकी दिवस का यह आयोजन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह हमारे देश के विकास के लिए आंकड़ों की भूमिका को समझने और सम्मान देने का एक माध्यम है।
प्रो. प्रशांत चंद्र महालनोबिस: एक परिचय
इस अवसर पर यह जानना भी अत्यंत आवश्यक है कि हम जिनकी जयंती पर यह दिवस मना रहे हैं, वह प्रो. प्रशांत चंद्र महालनोबिस कौन थे। वह एक महान वैज्ञानिक, सांख्यिकीविद, और योजना आयोग के सदस्य थे। भारत में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) की स्थापना उनके ही द्वारा की गई थी और उन्होंने महालनोबिस दूरी नामक सांख्यिकीय उपाय की खोज की, जो आज भी डेटा एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने भारत में राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण (NSS) की नींव रखी और योजनाओं के आंकड़ों पर आधारित विकास मॉडल को बढ़ावा दिया।
निष्कर्ष
सांख्यिकी दिवस केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह देश को आंकड़ों की सटीकता और उपयोगिता की ओर जागरूक करने का एक विशेष अवसर है। प्रो. पी.सी. महालनोबिस जैसे महान वैज्ञानिक के योगदान को याद करते हुए हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि आंकड़ों का सदुपयोग कर हम एक समृद्ध, योजनाबद्ध और पारदर्शी भारत के निर्माण में सहयोग करें।
ऐसे आयोजनों से छात्रों, शिक्षकों और नीति निर्माताओं को एक साझा मंच मिलता है जहां वे सांख्यिकी की जटिलताओं को समझ सकते हैं और भविष्य की बेहतर नीतियों के लिए सहयोग कर सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. सांख्यिकी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: भारत में हर वर्ष 29 जून को सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है। यह दिन प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्होंने सांख्यिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
2. 2025 में सांख्यिकी दिवस की थीम क्या है?
उत्तर: वर्ष 2025 के सांख्यिकी दिवस की थीम है — “75th Year of National Sample Survey”, जो राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण की 75वीं वर्षगांठ को दर्शाता है।
3. प्रो. प्रशांत चंद्र महालनोबिस कौन थे?
उत्तर: प्रो. पी.सी. महालनोबिस एक प्रसिद्ध भारतीय सांख्यिकीविद थे। उन्होंने भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) की स्थापना की थी और राष्ट्रीय सैंपल सर्वेक्षण (NSS) की शुरुआत की थी। उनकी खोज महालनोबिस दूरी (Mahalanobis Distance) आज भी आधुनिक आंकड़ा विज्ञान में उपयोग की जाती है।
4. सांख्यिकी दिवस 2025 का आयोजन कहां हुआ?
2025 का सांख्यिकी दिवस लखनऊ विश्वविद्यालय में, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, लखनऊ और सांख्यिकी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित किया गया।
5. इस आयोजन में कौन-कौन प्रतिभागी शामिल हुए थे?
उत्तर: इस कार्यक्रम में भारत सरकार, राज्य सरकार, लखनऊ विश्वविद्यालय एवं अन्य संस्थानों से लगभग 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
6. सांख्यिकी दिवस पर कौन-कौन सी गतिविधियाँ आयोजित की गईं?
उत्तर: इस अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता, और पैनल चर्चा जैसी शैक्षणिक गतिविधियों का आयोजन किया गया।